मनुष्य में सोचने जैसी अद्भुत क्षमता है| यही कारण है की आज मनुष्य चराचर जगत में सर्वोच्च है | यदा कदा ये सोच भी आती ही है की मौत के बाद क्या होता है|
अगर हम आत्मा हैं तो शरीर त्याग करने के बाद हम आत्माएं कहा जाती हैं ? भिन्न भिन्न मतमतांतर हैं |कोई कहता है ब्रह्म में लीन हो जाती है | कोई कहता है पशु पक्षी या अपने कर्मो के आधार पर दुसरा शरीर प्राप्त करता है, किसी भी योनी में |
आत्मा की गुह्य गतियों को समझने के लिए पहले आत्मा के शरीर की जानकारी आवश्यक है |
आत्मा के तिन शरीर बताये गए हैं :१) स्थूल शरीर २) कारण शरीर ३) सूक्ष्म शरीर |
१.स्थूल शरीर जिसमे हम जन्म लेते हैं जिसमे हम अच्छे बुरे कार्य करते हैं |
२.कारण शरीर जो स्थूल शरीर के कारण उत्पन होता है ,परछाई के रूप में ( पानी, दर्पण , छाया इत्यादि)
३. सूक्ष्म शरीर जिसमे आत्मा विद्यमान रहती है ! जो अगर स्थूल शरीर से निकल जाये तो इन भोतिक आँखों से देखा नहीं जाता |
अब चर्चा करेंगे मौत के बाद क्या होता है ?
एक आदमी जिसका एक्सीडेंट किसी गाड़ी से हो रहा है .....घबराया हुआ वो आदमी भागने की कोशिश करता है......पर गाड़ी के चक्कों ने उसे कुचल दिया....फिर भी वो भागता है .... और दूर चला जाता है .. उसकी समझ से परे की आखिर वो कैसे बच गया .... दूर जाकर देखता है की किसी का एक्सीडेंट हो गया और भीड़ जमा है.... वो भी देखने के लिए उत्सुकता वश जाता है तो भीड़ के अंदर हवा की तरह घुसता है... उसे अजीब लगता है पर समझ से परे की बात होती है.......घटना स्थल पर अपना ही शरीर देखने पर उसकी हैरत का अंदाजा नहीं रहता ..... वो जोर से चिल्लाता है की मैं यहाँ हूँ ......मैं ज़िंदा हूँ.....पर स्थूल कोई भी अंग नहीं है ...आवाज़ निकले कहाँ से ....
सूक्ष्म शरीर में विद्यमान आत्मा ही सूक्ष्म शरीर को देख पाती है | उस वक़्त उस आत्मा को पता चलता है की वो कभी मरती नहीं | मौत के बाद आत्मा सूक्ष्म शरीर में रहती है कुछ भी नहीं बदलता सिर्फ वो गायब रहती है पर ओर्गन्स सूक्ष्म होने की वजह से किसी को भी कुछ भान कराने में असमर्थ होती है | अपने प्रियजनों के आस पास भटकती रहती हैं | तब तक भटकती है जब तक उसका निर्धारित गर्भ में समय नहीं आता |